Sep 23 2012 (Nana ke Bol) The Clever Rabbit एक जंगल के शेर राजा, बड़े थे खूंखार बिना वजह सब जीवों का, करते थे संहार | सब जीव बहुत दुखी थे उनसे, कैसे पाएं पार ? क्या तरकीब करें कि उनका, दूर हो अत्याचार ? एक दिन सब जीव इक्ठे हो कर, करने लगे विचार पहुंचे शेर की “मांद” के बाहर, ज़ोर से करी पुकार | बेवजह हम को मारना छोड़ो, हमसे करो प्यार आप की भूख मिटाने को हम सब, मन से हैं तय्यार | हम भेजेंगे एक जीव को, हर रोज़ आप के पास आपकी भूख मिटाकर रोकें, इस संहार की प्यास | शेर राजा ने खुश होकर, सब जीवों का यह सुझाव स्वीकारा और हर दिन खूब मज़े से, एक जीव को मारा | हिरन, भेड़िया, लोमड़ी, भालू आदि, गए बारी बारी फिर एक दिन ऐसा भी आया, जब नन्हे खरगोश की आई बारी | खरगोश था बहुत ही हिम्मत वाला, और था बुद्धिमान चलते-चलते सोचने लगा, कैसे बचाऊँ जान | रास्ते में एक कुएं में देख, अपनी परछाई शेर से जान बचाने की, तरकीब मन से आई | धीरे-धीरे चलकर जब वह, शेर के पास पहुंचा तो नन्हे खरगोश को देख कर, शे ज़ोर से गरजा | तब नन्हे खरगोश ने डरते-डरते उसे बताया कि कुएं के पास एक और शेर ने खाने को धमकाया | बड़ी मुशकिल से भाग वहां से, आपके पास हूँ आया दूसरे शेर कि बात को सुनकर, शेर बहुत गुस्साया | खरगोश से संग कुएं पार जाकर, देख अपनी परछाई दूसरा शेर समझ कर अन्दर, ज़ोर से दहाड़ लगाई | फिर कुएं के अन्दर से भी, ज़ोर की प्रतिध्वनी आई दूसरे शेर की ललकार समझकर, कुएं में छलांग लगाई | धम से कुएं के पानी में डूब, अपनी जान गंवाई शेर राजा की मौत का सुनकर, सब जीवों ने खूब ख़ुशी मनाई | नन्हे खरगोश की हिम्मत पर, उसको दी बधाई | कठिन समय में केवल धैर्य और बुद्धि ही हमारे काम आती है | नन्हे खरगोश की यह कहानी हम को यही बात समझाती है || Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related