(Nana ke Bol) The Clever Rabbit

एक जंगल के शेर राजा, बड़े थे खूंखार

बिना वजह सब जीवों का, करते थे संहार |

सब जीव बहुत दुखी थे उनसे, कैसे पाएं पार ?

क्या तरकीब करें कि उनका, दूर हो अत्याचार ?

एक दिन सब जीव इक्ठे हो कर, करने लगे विचार

पहुंचे शेर की “मांद” के बाहर, ज़ोर से करी पुकार |

बेवजह हम को मारना छोड़ो, हमसे करो प्यार

आप की भूख मिटाने को हम सब, मन से हैं तय्यार |

हम भेजेंगे एक जीव को, हर रोज़ आप के पास

आपकी भूख मिटाकर रोकें, इस संहार की प्यास |

शेर राजा ने खुश होकर,  सब जीवों का यह सुझाव स्वीकारा

और हर दिन खूब मज़े से,  एक जीव को मारा |

हिरन, भेड़िया, लोमड़ी, भालू आदि, गए बारी बारी

फिर एक दिन ऐसा भी आया, जब नन्हे खरगोश की आई बारी |

खरगोश था बहुत ही हिम्मत वाला, और था बुद्धिमान

चलते-चलते सोचने लगा, कैसे बचाऊँ जान  |

रास्ते में एक कुएं में देख, अपनी परछाई

शेर से जान बचाने की, तरकीब मन से आई |

धीरे-धीरे चलकर जब वह, शेर के पास पहुंचा

तो नन्हे खरगोश को देख कर, शे ज़ोर से गरजा |

तब नन्हे खरगोश ने डरते-डरते उसे बताया

कि कुएं के पास एक और शेर ने खाने को धमकाया |

बड़ी मुशकिल से भाग  वहां से, आपके पास हूँ आया

दूसरे शेर कि बात को सुनकर, शेर बहुत गुस्साया |

खरगोश से संग कुएं पार जाकर, देख अपनी परछाई

दूसरा शेर समझ कर अन्दर, ज़ोर से दहाड़ लगाई |

फिर कुएं के अन्दर से भी, ज़ोर की प्रतिध्वनी आई

दूसरे शेर की ललकार समझकर, कुएं में छलांग लगाई |

धम से कुएं के पानी में डूब, अपनी जान गंवाई

शेर राजा की मौत का सुनकर, सब जीवों ने खूब ख़ुशी मनाई |

नन्हे खरगोश की हिम्मत पर, उसको दी बधाई |

कठिन समय में केवल धैर्य और बुद्धि ही हमारे काम आती है |
नन्हे खरगोश की यह कहानी हम को यही बात समझाती है ||

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