(Nana-ke-Bol) The one who saves owns the right, not the one who kills: A Buddha Story

 

On Buddha Purnima today, i will tell you a story from the life of Buddha. We did a play on this story on our annual day. Buddha Purnima is also called Buddha Jayanti!

Parth

वैशाख पूर्णिमा को हम 

एक ऐसा पर्व मनाते 

जिस को भगवान बुद्ध का 

जन्म, निर्वाण और मृत्य दिवस बतलाते |

भगवान बुद्ध के बचपन का 

नाम था सिद्धार्थ

कोमल, करुणा भाव से पूरित 

देते सबका साथ |

एक दिन सिद्धार्थ अपने महल के पीछे की 

बगिया में आए 

उनके साथ चचेरा भाई देव दत्त भी 

अपना मन बहलाए |

तभी आकाश में हंसों के उड़ते झुंड 

दोनो के मन भाए 

देवदत्त ने लालायित होकर 

हंसो पर बाण चलाए |

तीर लगने से एक हंस घायल होकर 

लुड़कता नीचे आया 

बाण को पीड़ा से मूर्छित सा 

सहमा और घबराया |

करुणा भाव से पूरित सिद्धार्थ ने 

दौड़ कर उसे उठाया 

तीर निकाल, चिकित्सा कर के 

प्यार से उसे सहलाया |

तभी देवदत्त भी दौड़ा-दौड़ा 

हंस के पास आया 

अपना शिकार बताकर उसने 

हंस पर हक़ जताया |

सिद्धार्थ ने सहमे हंस को देखा 

तो उसका मन भर आया 

हंस देने से इनकार किया तो 

देवदत्त को गुस्सा आया |

मामला न्यायधीश तक पहुंचा तो 

उसने सिद्धार्थ को हक दिलवाया 

‘मारने वाले से बचाने वाले का हक’

अधिक बताकर अपना न्याय सुनाया 

करुणा पूर्ण सिद्धार्थ से ही भविष्य में 

‘निर्वाण-पद’ को पाया 

‘भगवान-बुद्ध’ कहला कर जग को 

सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया |

(Nana-ke-Bol) Our Earth and the Big Universe!

अन्तरिक्ष और पृथ्वी 

रात के अन्धेरे में देखा, तारों का आकाश 

वृहत-अन्तरिक्ष में फैला, सुन्दर दिव्य प्रकाश 

जगमग-जगमग हमें कराता, आश्चर्यता का एहसास 

और मानव-मन में उठता, सपनों का एक लम्बा इतिहास |

 सत्रहवीं शताब्दी में ”गैलिलियो’ ने 

जब दूरबीन (telescope) बनाई 

तो अन्तरिक्ष का निरीक्षण कर 

तारों से पहचान कराई |

बड़ी-बड़ी आकाश-गंगाओं से निर्मित 

अन्तरिक्ष दिखलाया 

इनमें हमारा ‘सूर्य मण्डल’ एक आकाश गंगा में 

छोटा सा नज़र आया |

हमें तो हमारी पृथ्वी ही बहुत बड़ी लगती है 

परन्तु अन्तरिक्ष में तो यह एक बिन्दु समान ही  दिखती है 

ऐसे में हमारा अस्तित्व तो और भी छोटा है 

पर हमारा मन और हौसला तो बहुत मोटा है |

विज्ञान की तरक्की के साथ-साथ, बीसवीं सदी में 

‘गोदार्द’ (Goddard) द्वारा जब राकेट का आविष्कार हुआ 

तो अन्तरिक्ष में घूमने का हमारा सपना

साकार हुआ |

अन्तरिक्ष-वाहन में बिना ‘गुरुत्वाकर्षण’ (gravity) के 

तैरते हुए जाकर चन्द्रमा से साक्षात्कार हुआ 

छोटे-छोटे मानव निर्मित उपग्रहों से धरती पर 

संचार व्यवस्था का विस्तार हुआ |

‘इन्टरनेट’ से टेलीविज़न, कंप्यूटर और 

मोबाइल सेवाओं का प्रसार हुआ 

‘पृथ्वी’ एक छोटे से परिवार में बदली 

और ‘एकता’ का इज़हार हुआ |

 

(Nana-ke-Bol) Honour your word – Always!

One of the old stories that reminds us to honour our word and do what we promise.

सत्य वचन न छोड़ो 

रामायण को याद करो 

और सत्य वचन न छोड़ो भाई 

रघुकुल रीति सदा चली आई 

प्राण जाएं पर वचन न जाई |

जो इसको न माने भाई 

उसकी होती जग हंसाई |

 

एक शहर की बात सुनाऊं 

चूहों ने जहां ऊधम मचाई 

कोशिश कर के हार गए सब 

फिर भी चूहों ने मात न खाई 

चूहों के हुड़दंग से जब 

जनता थी हैरान 

कैसे चूहे दूर भगाएं 

सोच के सब परेशान |

‘मेयर’ के संग मिलकर सबने 

 शहर में ढिंढोरा पिटवाया 

चूहों को भगाने वाले को 

‘इनाम’ का विश्वास दिलाया |

ढिंढोरा सुन एक आदमी आया 

मेयर को सन्देश भिजवाया 

चूहे भगाने का आश्वासन देकर 

इनाम का वादा करवाया |

अगली सुबह आने का कहकर 

लोगों में विश्वास जगाया |

अगली सुबह जब लोग उठे 

तो बांसुरी की धुन दी सुनाई 

लोग देख हैरान हुए जब 

चूहों को भी वह धुन भाई |

चुप-चाप सम्मोहन के वश होकर 

सारे चूहे बिल से निकले 

बांसुरी की धुन में मस्त वे 

बांसुरी वाले के पीछे चले 

बांसुरी वाला चूहों को लेकर 

समुद्र के भीतर जा पहुंचा |

जहाँ वे पानी में डूबे 

और चूहों का कहर छूटा |

ख़ुशी-ख़ुशी बांसुरी वाले ने 

मेयर को आकर किया प्रणाम 

इसको छोटा सा बताकर 

मेयर ने उसको न दिया इनाम |

मेयर के वचन तोड़ने पर 

बांसुरी वाले को गुस्सा आया 

बांसुरी की एक धुन बजकर 

बच्चों पर सम्मोहन लाया |

बच्चों को जब ले चला वह 

सारे शहर में रोष समाया 

मेयर से माफी मंगवाकर 

अपने बच्चों को छुड़वाया |

‘सदा वचन निभाने का प्रण कर’

उसको बहुत सा इनाम दिलवाया |

 

(Nana-ke-Bol) Our actions define us…

 

धरती  की मिटटी ने एक दिन 

एक घड़े से प्रश्न किया 

तुम भी मिटटी, मैं भी मिटटी 

तुझ में , मुझ में फर्क है क्या ?

तुम को हवा है सहलाती 

मुझ को दूर उड़ा ले जाती 

मुझ को पैरों तले  रौंद सब 

ठोकर मार  चले जाते 

तुम्हारा ठण्डा-ठण्डा पानी पीकर 

सब तेरे गुण हैं गाते 

घड़ा बोल पैरों टेल रोंद कर 

चक्के पर पीटकर 

आग में तप कर 

बनता हूं भाई |

कर्म और तप से ही अंतर है 

जिस को न छोड़ो भाई |

INDIAN MUSIC: We shall overcome…

 

Hello

This song by Girija Kumar Mathur is a favourite of all of us… It inspires us to move ahead with hope and determination.

Parth

हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब 

हम होंगे कामयाब एक दिन। 

हो-हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास 

हम होंगे कामयाब एक दिन। 

हम चलेंगे साथ-साथ, डाल हाथों में हाथ 

हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन । 

हो-हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास 

हम होंगे कामयाब एक दिन। 

होगी शांति चारों  ऒर, होगी शांति चारों ऒर 

होगी शांति चारों ओर एक दिन । 

हो-हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास 

हम होंगे कामयाब एक दिन। 

होगी जीत सत्य की, होगी जीत सत्य की 

होगी जीत सत्य की एक दिन । 

नहीं भय किसी का आज एक दिन । 

हो-हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास 

हम होंगे कामयाब एक दिन। 

युग बदलेगा चारों ओर, युग बदलेगा चारों ऒर,

युग बदलेगा चारों ऒर एक दिन । 

हो-हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास 

हम होंगे कामयाब एक दिन। 

 

– गिरिजाकुमार माथुर