On teacher’s day let us salute our teachers… and follow their teachings.
राम और लक्षमण जब पढ़ने को
पहुंचे गुरु वशिष्ठ के द्वार
तो बन्द द्वार पर दस्तक हेतु
उन्हों ने किया सहज प्रहार
दस्तक सुन गुरु वशिस्ठ ने पूछा
‘कौन है’ उस द्वार के पार |
‘यही जानने तो आए हैं गुरुवर’
कृप्या करें हमारा उद्धार |
उत्तर सुन गुरु वशिष्ठ हर्षाए
प्रेम से किया गुरु पद स्वीकार
अध्यापक दिवस के अवसर पर उनको
याद करें हम बारबार |
‘गु’ का मतलब अन्धकार है
‘रु’ का अर्थ प्रकाश
दोनो मिलकर ‘गुरु बना है
जो दूर करे मन का अन्धकार |
हमको अपनी पहचान कराए
और बतलाए जीवन का आधार |