(Nana-ke-Bol) On Dusshera…

दशहरे के अवसर पर 

 

चारों ओर नज़र उठा कर देखो 

कितने रावण आन खड़े 

भ्रष्टाचार, आतंकवाद और बलातकारी रूपों में 

मानवता से आन लड़े |

ऐ मानव अब तो जागो तुम 

और उनकी ललकार सुनो 

अगर ‘राम-भक्त’ कहलाना है 

तो उनका तुम संहार करो |

‘मां-बहनों’ की रक्षा का प्रण कर 

बलातकारी पर प्रहार करो 

सबको मिलकर रहना सीखो

और आतंकवाद का प्रतिकार करो |

भ्रष्टाचार से पूरित नेताओं का 

संसद से बहिष्कार करो 

अगर देश बचाना है तो 

‘रावण-रूपों’ की पहचान करो |

‘देवत्व’ की भावना जगा कर मन में 

देश का उद्धार करो |

(Nana-ke-Bol) The Secret behind Gandhi ji’s Strength

 

On Gandhi Jayanti today, we should understand the secret of Gandhi ji’s strength and remember to take a few minutes every day to sit down, close our eyes and remember God.

In this story, Gandhi ji tells his friend that just as you eat to live, you need to pray to continuously build your inner strength …

गांधी जी के वकील मित्र 

जब उनसे बोले आन 

तुम क्यों इतना समय बिताते 

कर के पूजा ध्यान |

इस समय में तुम कर सकते हो 

अधिक देश कल्याण 

बापू बोले ‘प्रभु भजन में ही तो हैं बसते 

केवल मेरे प्राण |

तुम भी तो खाने-पीने में 

समय बिताते हो – सुबह और शाम 

यही समय तुम्हारी वकालत में भी 

आ सकता है काम |

मित्र बोले ठीक कहा, पर भोजन से ही तो 

आती है इस शरीर में जान 

शरीर की शक्ति से ही तो हम सब 

कर सकते हैं काम |

बापू बोले – ऐसे ही मेरी पूजा को भी तू 

आत्मा का भोजन जान 

ज्ञान, ध्यान, पूजा से ही बनती है 

आत्मा शक्तिमान |

इस आत्मा की शक्ति से ही मैं रहता हूँ 

सत्य पर निष्ठावान 

शारीरिक और आत्मिक शक्ति, दोनों ही मिलकर 

हमें बनती हैं बलवान |

तभी वास्तव में हम कर सकते हैं 

अपने देश का पूर्ण कल्याण |