Monthly Archives: November 2013
(Nana-ke-Bol) On Guru Nank Jayanti yesterday…
गुरु नानक जयन्ति पर जब,
प्रभात फेरी आई हमारे द्वार
तो उनके निमित नत मस्तक होकर
मन में उठते, यह विचार |
‘वंड-चखो’ कीरत करो
नाम जपो तुम बारम्बार
गुरु जी के इन वचनों का कितना
आदर करता यह संसार |
‘वंद चखो’ कहते तो हैं पर
छीनें औरों का अधिकार |
‘कीरत करना’ छोर के देखें
होता जग में दुष्ट व्यवहार |
‘हरी नाम’ का जपना कैसा
झूठ में उलझा सब संसार |
गुरु द्वारे में जाना है तो सीखो
सब से करना शुभ व्यवहार |
गुरु जी के वचनो का पालन कर के
जग का कर लो तुम उपकार |
(Nana-ke-Bol) 03.11.2013
वाणी के शब्दों में
इस वर्ष दिवाली जब आइ
तो मेरा जन्म-दिन भी साथ में लाई
तीन नवम्बर के दिन मुझ को
सबने दी सस्नेह बधाई ।
‘बाल-पन’ अब पीछे छूटा
‘यौवन’ ने आ ली अंगराई
सहेलियों के संग दीप सजाए
रंगोली के रंग बिखराए ।
गणेश-पूजन की करी तैयारी
मन में भक्ति-भाव जगाए
‘राम दरबार’ सज़ा के घर में
राम गुणों को मन में लाए ।
‘लक्ष्मी जी’ के अवतरण दिवस पर
लक्ष्मी जी को फूल चढ़ाए
विधि-विधन से पूजा कर के
स्नेह जनों से उफ़ार पाए ।