(Nana-ke-Bol) Election – A responsibility…

इलेक्शन का जब समय आया 

तो जन-जन में जोश समाया 

पांच साल के अन्तराल पर 

जनादेश का अवसर लाया । 

नेताओं के साथ-साथ

आज जनता का भी इम्तिहान है 

जो हमें बताएगा कि 

क्या हमें अच्छों कि पहचान है |

आज हमें ऐसे नेताओं को चुनना है 

जिन की अच्छे नागरिकों में तुलना है |

अगर हमको अपने देश का 

भविष्य बचाना है 

तो हमें अच्छे नागरिक का 

कर्त्तव्य निभाना है

और अपना उचित वोट देने 

अवश्य ही जाना है |

तथा अच्छे नेताओं को 

संसद में लाना है |

(Nana-ke-Bol) On Guru Nank Jayanti yesterday…

गुरु  नानक जयन्ति  पर जब,

प्रभात फेरी आई हमारे द्वार

तो उनके निमित नत मस्तक होकर 

मन  में उठते, यह विचार |

‘वंड-चखो’ कीरत करो 

नाम जपो तुम बारम्बार 

गुरु जी के इन वचनों का  कितना 

आदर करता यह संसार |

‘वंद चखो’ कहते तो  हैं  पर 

छीनें औरों का अधिकार |

‘कीरत करना’ छोर के देखें 

होता जग में दुष्ट व्यवहार |

‘हरी नाम’ का जपना कैसा 

झूठ में उलझा  सब संसार |

गुरु द्वारे में जाना है तो सीखो 

सब से करना शुभ व्यवहार |

गुरु जी के वचनो का पालन कर के 

जग का कर लो तुम उपकार  |

(Nana-ke-Bol) 03.11.2013

वाणी के शब्दों में

इस वर्ष दिवाली जब आइ

तो मेरा जन्म-दिन भी साथ में लाई

तीन नवम्बर के दिन मुझ को

सबने दी सस्नेह बधाई ।

 

‘बाल-पन’ अब पीछे छूटा

‘यौवन’ ने आ ली अंगराई

सहेलियों के संग दीप सजाए

रंगोली के रंग बिखराए ।

 

गणेश-पूजन की करी तैयारी

मन में भक्ति-भाव जगाए

‘राम दरबार’ सज़ा के घर में

राम गुणों को मन में लाए ।

 

‘लक्ष्मी जी’ के अवतरण दिवस पर

लक्ष्मी जी को फूल चढ़ाए

विधि-विधन से पूजा कर के

स्नेह जनों से उफ़ार पाए ।

 

जीवन में कभी-कभी ही, ऐसा अवसर आता है

जब जन्म दिन के साथ प्रभु-प्रसाद भी जुड़ जाता है

और दीपों की जगमग ज्योति से

मन का अंधियारा मिटा जाता है।

(Nana-ke-Bol) Happy Diwali!

दीवाली का त्योहार है आता, जग में बारम्बार 

दीपों की जगमग-जगमग में, डूबे यह संसार |

परन्तु क्या मिटा पाते हैं हम, जीवन के अन्धकार 

चारों ओर दृष्टि घुमाएं तो, दिखतें अत्याचार |

सिगरेट और शराब के नशे में, सेहत करें ख़राब 

मिलावटी चीज़ों से दुष्कृत है, आज बना आहार |

राक्षसी वृति के घमासान में, होते हैं बलात्कार 

बड़े-बड़े भवनों में भी है दिखता भ्रष्टाचार |

आतंकवाद उग्र रूप में, हम  पर करे प्रहार 

बुराईयों के अन्धकार में डूबा जन-जन करे पुकार |

आओ उजले मन से मिलकर,  हम सब करें विचार 

ऐसे दीप जलाएं जग में दूर हों सब अन्धकार |

लक्ष्मी पूजन धन्य वही जो, गरीबों का कर ले उद्धार 

राम चरित्र पूजित वही, जो लाए मन में शुद्ध विचार |

सात्विक भाव जगा कर जन-जन में, लाएं सुन्दर स्वच्छ सरकार 

तभी दीप जलाने के हम, बन जाएंगे असली हकदार |