(Nana-ke-Bol) Jesus reminds us to be forgiving…

Merry Christman. Enjoy a story from the life of Jesus…

एक बार ईसामसीह के पास 

एक औरत को लाया गया 

और उस पर दुष्ट व्यवहार का 

दोष लगाया गया |

सब थे बहुत क्रोधित, पर वह औरत 

थी बहुत ही शर्मसार 

क्षमा दृष्टि से देखती थी 

ईसा को बारम्बार |

लोगों के कहने पर ईसा ने 

उसको एक पेड़ से बंधवाया 

और दण्ड देने के हेतु 

पत्थरों से मारने का हुक्म सुनाया |

परन्तु ईसा ने पत्थर मारने का हक 

उसी को बतलाया 

जिसने जीवन में अपने को 

पाप रहित ही पाया |

अन्तरमन में झांक, सभी ने अपने को 

कभी न कभी दोषी ही पाया 

इसी लिए उन में से किसी का हाथ भी 

पत्थर मारने को उठ न पाया 

सबने क्षमा भाव से ईसा के सम्मुख 

अपना शीश नवाया |

और उस औरत ने भी बुरी आदत को 

छोड़ने का प्रण दोहराया |

किसी को दोषी ठहराने से पहले 

अपने दोष पहचानो 

इनसान को नहीं, केवल बुरी आदतों को ही 

दूर भगाने कि ठानो |

पश्चाताप से अपने मन को 

सुन्दर शुद्ध बनाओ 

और क्षमा भाव से दूसरों के अन्तरमन में 

प्रेम भाव जगाओ |