(Nana-ke-Bol) Learning to Live… from the Nataraj form of Shiva…

On Shivaratri today, our prayers to Lord Shiva… lets look at the Nataraj form of Lord Shiva and learn how to live and grow…

सत्यं-शिवं-सुन्दरं कहकर 

शिव-शक्ति का कर लो ध्यान 

नटराज रूप में उन को पूजो 

सीखो उन से अद्भुत ज्ञान |

संसार चक्र सुख-दुःख का संगम 

इस में चलना चतुर समान 

कर्म करोगे तो फल पाओगे 

सदा रखना इसका ध्यान |

सुख मिले तो डमरू बाजे 

विफलता करे जलन महान 

शिवजी के दोनों हाथों से 

इन भावों को लो पहचान |

दोनों भावों का समन्वय करके 

मुख पर रखो मधुर मुस्कान 

दाएं हाथ से दया को सीखो 

बायां दे कर्मों का ज्ञान |

दोनों पैरों को इंगित कर 

कर्मठता की दे पहचान |

दाएं पैर सा बलशाली बनकर 

दुष्टता दूर करे इनसान 

बाएं पैर सा ऊपर उठकर 

आत्मिक शक्ति हो बलवान |

द्वियता को हृदयंगं करने से 

मिल जाएंगे प्रभु महान 

पार्वती-शिवजी मिलन था ऐसा 

कहता शिव-रात्रि पर्व महान   |

(Nana-ke-Bol) On Basant Panchmi today…

Today is Basant Panchmi…

ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर 

ऋतुओं ने मिलकर, ‘आदि-शक्ति’ को किया नमन |

आठ-आठ मधुर दिवसों का समर्पण कर के 

‘चालीस-दिवसीय’ वसंत ऋतु का किया सृजन |

बुद्धि-विचार-ज्ञान, आत्म प्रकाश और वाणी 

रूपों में देवी सरस्वती का किया स्मरण |

मानव को ज्ञानार्जित करने को 

देवी सरस्वती का किया आवाहन । 

 

माघ-पंचमी को सरस्वती-अवतरण  पूजन से वसंत ऋतु का हुआ आरम्भ 

होली के सुर्भित रंगों से वसन्तोत्व रूप में इस ऋतु का हुआ समापन |

 

वसंत ऋतु का स्वागत करके 

देवी सरस्वती को नमस्कार करो 

ज्ञान की गंगा में नहा कर 

जीवन का उद्धार करो |

वीणा-वादिनी के मधुर ज्ञान का 

जन-जन में प्रचार करो 

समर्पण भाव सीखो, ऋतुओं से 

कल्याण का मार्ग स्वीकार करो |

वसंत ऋतु जैसा बनकर सब में 

सुन्दर-सरस-सुहास भरो 

कोयल कि कूक सुनो और 

मधुर वचनो का मान   करो 

जिव्हा में मिठास भर कर 

कटु वचनो का मान करो |

आत्म-प्रकाश से उज्जवल हो कर 

मानवता का विकास करो |

ज्ञान दीप जलाकर सब में 

अन्धकार जगत का नाश करो |

(Nana-ke-Bol) On Republic Day…

a few days of delay in posting… the message stays alive thru the year…

गणतंत्र-दिवस की जब करो आगवानी 

याद करो उनकी क़ुरबानी 

जिन्हों ने देश के खातिर दी थी 

अपनी सुन्दर जिन्दगानी |

 

अपना फर्ज़  निभाओ अब तुम 

छोर के साड़ी हठ मनमानी 

शहीदों के सपनों को साकार करो 

और बन जाओ कर्मठ हिन्दुस्तानी |

 

सभी धर्मों से प्यार करो 

और सीखो उनकी अमृत वाणी 

अपने सा ही दूसरों से बरतो 

यही कहें जग के सब ज्ञानी |

 

अच्छे आचार विचार जगाकर 

सबको दो अच्छी जिन्दगानी 

सुखी समृद्ध देश बनाओ 

जिसकी महिमा गाएं जग के प्राणी |