Mar 17 2014 (Nana-ke-Bol) Happy Holi! चारों ओर बसन्त ऋतु को देखो फूलों में रंग आयो रे मधुर-मधुर झोंकों के संग भंवरों ने गीत सुनायो रे | कोयल की कूक सुनी तो मन पुलकित हो जायो रे द्वेश-भाव को छोड़ के मन से सब को गले लगाओ रे दुष्टता की होलिका जलाकर झूम के ख़ुशी मनाओ रे फाल्गुन-पूर्णिमा के दिन मस्ती में सब पर रंग बरसाओ रे |