(Nana-ke-Bol) Happy Holi!

चारों ओर बसन्त ऋतु को देखो 

फूलों में रंग आयो रे 

मधुर-मधुर झोंकों के संग 

भंवरों ने गीत सुनायो रे |

कोयल की  कूक सुनी तो 

मन पुलकित हो जायो रे 

द्वेश-भाव को छोड़ के मन से 

सब को गले लगाओ रे 

दुष्टता की होलिका जलाकर 

झूम के ख़ुशी मनाओ रे 

फाल्गुन-पूर्णिमा के दिन मस्ती में 

सब पर रंग बरसाओ रे  |