जन्म दिन ‘मुबारक’ तुमको, हम सब कहें बारंबार
ख़ुशियों से भरपूर हो जीवन, सपने तुम्हारे हों साकार ।
‘चौदह बसंत’ देख के आइ है, तुम्हारे यौवन की बहार
खेल-खिलौने पीछे छूटे, कर लो मन में गूढ़ विचार ।
उचित आहार, स्वस्थता लाए, ज्ञान जगाए शुद्ध विचार
माँ सरस्वती के पूजन से ही है बढ़ता, अपने ज्ञान का भण्डार ।
उचित आचार, व्यवहार को सीखो, ये हैं जीवन के आधार
सत्य बोलो, क्रोध को छोड़ो, मधुर वाणी से करो सत्कार ।
मधुर-मधुर मुस्कान के संग तुम, मुख पर लाओ श्रेष्ठ विचार
सत्संगती को अपना कर, बुराई का करना, सदा बहिष्कार ।
मेहनत करना मूल मंत्र है, फल को छोड़ो प्रभु के द्वार
असफलता के क्षण से सीखो, ऊपर उठना बारंबार ।
प्रभु का साथ कभी न छूटे, यही विनती यही पुकार
हमारी आशीष तुम्हारे जीवन में, भर दे ख़ुशियों के भण्डार ।