(Nana-ke-Bol): Holiday in Coorg (Kodagu)!

We had great fun in Coorg!Take a look at our cottage – hidden in the trees and the mist!

The hike to the mountain top (Nishanibeti – the second highest peak in Coorg) and the nature walk through the rainforests and the stunted forests was the best Environmental Studies (EVS) lesson we have had !! We found porcupine thorns, rudraksha seeds and coffee seeds.

Vani & Parth

 

पाठशाला से दूर

वार्षिक परीक्षाएं समाप्त हुईं

और जब हम हुए उत्तीर्ण

हर्षित मन से झूम उठे

और सपने हुए हसीन |

नए सत्र के शुरू होने तक

छुट्टियों का हुआ ऐलान

ऐसे में ‘कुर्ग’ (कोडगु) जाने का

हमारा बन गया ‘प्लान’ |

कर्नाटक के पशचमी तट पर

नीलगिरी पहाड़ियों के अन्दर

‘मेडिकेरी-कुर्ग’ नाम का स्थल है

बहुत ही सुन्दर |

दिल्ली से हवाई सेवा द्वारा

हम पहुंचे ‘मैंगलोर’

टैक्सी द्वारा चले वहां से

हो के ‘भाव-विभोर’ |

‘मेडिकेरी-कुर्ग’ पहुंचने पर

‘विवान्ता-ताज’ ने किया हमारा स्वागत

सुन्दर प्राकृतिक वातावरण के अन्दर

बन गए उनके, हम अभ्यागत |

जांगल्य वातावरण में कुटियां थीं

सुन्दर प्यारी-प्यारी

आधुनिक सुविधायों से सज्जित

लगती थीं वह न्यारी |

सर्पाकार सड़कों से जुड़ती थीं

वहां की जगहें सारी

आने-जाने को हम करते थे

‘मोटर-बागीयों’ की सवारी |

स्वागत-कक्ष से कुटीर-कक्ष तक

कुटीर-कक्ष से भोजन-कक्ष तक

भोजन-कक्ष से खेल-कक्ष तक

खेल-कक्ष से कला-कक्ष तक

कला-कक्ष से ताल-कक्ष तक

ताल-कक्ष से योग-कक्ष तक

घूमें बारी-बारी

करके बगियों की सवारी |

सुस्वाद भोजन के बाद

खेलों का लें आनन्द

‘स्विमिंग-पूल’ की तैराकी में

‘फैमिली’  हो जाए संग |

प्रकृति के सौन्दर्य से हर्षित

हम सब थे मगन

मधुर थी चिड़ियों की बोली

और भवरों की गुंजन

रंग बिरंगे फूलों की शोभा से

हर्षित होवे मन |

‘विवान्ता-ताज’ के आस-पास भी

देखे प्रकृति से रंग

‘ऐबी’ झरने से देखा

झर-झर पानी आना

पहाड़ की चोटियों पर जाकर

सुन्दरता को पाना |

बादलों के बीच में घूम कर

प्रकृति-रूप पहचाना

वनस्पतिक-जंगल का निरीक्षण कर

मन हुआ मस्ताना |

उगती फलियों में देखा

काली-मिर्च का दाना

चौड़े-चिकने पत्तेदार पौधों में

‘काफी’ के फल आना |

कीड़े पकड़ने वाला ‘पिचर-प्लांट’ देखा

और संतरे का पेड़ सुहाना

अंजीर की बेलों से देखा

पेड़ का जकड़ा जाना |

विश्राम और प्रकृति का संगम था

जिज्ञासा से भरपूर

देखने और समझने को बहुत था

पाठशाला से दूर|

(Nana ke Bol) Holiday at Nature Farm

 

Hello

I went to the Tree House Resort at Nature Farms for two days during the Dushera holidays. It is near Jaipur. We stayed in the Crested Eagle Nest –  a room on the tree! We had three big tree branches going through the room!

I found many rabbits there.  I had great fun playing with rabbits. They became my friends and ate leaves from my hand.

Nana wrote a poem for me. Enjoy with me.

Parth

जयपुर से ४० मील पहले

एक ऐसा है स्थान

जिसका पहले कभी भी

सुना नहीं था नाम |

प्रकृति के दृष्यों से भरपूर

“नेचर फार्म”

पेड़ों पर घर बना कर

रहने का इन्तज़ाम |

चिड़ियों की चहचहाट

पक्षियों के धाम

तैरती बत्तखों से गूंजे

इसकी हर शाम |

उच्छलते कूदते खरगोश खींचें

सब का ध्यान

पत्ते खिलाते पार्थ की

देखो तुम शान |

खेलों के संग-संग

“नेचर” की पहचान

दशहरे की छुट्टियों में,

बस यही ‘प्रोग्राम’ |

आम के आम और

गुठलियों के दाम ||